बिहार के नवादा जिले में ई-शिक्षा कोष प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और तकनीकी दुरुपयोग सामने आया है। कई शिक्षक सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जबकि उनकी वास्तविक अनुपस्थिति बनी रहती है। यह अनियमितता संबंधित स्कूलों के स्टाफ, शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की मिलीभगत से चल रही है।
रजौली की शिक्षिका कटघरे में
इस मामले में एक प्रमुख उदाहरण रजौली कन्या उच्च विद्यालय की विशिष्ट शिक्षिका कुमारी रश्मि रानी का है। जाँच में पाया गया कि नवंबर महीने में अधिकांश दिनों में उन्होंने स्कूल आने और जाने के समय की एक ही स्थिति की तस्वीर बार-बार अपलोड की। कई मौकों पर उन्होंने प्रस्थान की फोटो अपलोड करना भी छोड़ दिया।
इस गंभीर अनियमितता के लिए, नवादा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिव कुमार वर्मा ने शिक्षिका से जवाब तलब किया है।
सांठगांठ का बड़ा नेटवर्क
यह समस्या केवल एक शिक्षिका तक सीमित नहीं है। नवादा के कई सरकारी स्कूलों के शिक्षक ई-शिक्षा कोष की तकनीकी खामियों का फायदा उठा रहे हैं। चूंकि प्रधानाध्यापक मैनुअल हाजिरी भी दर्ज करते हैं और उन्हें सभी शिक्षकों की उपस्थिति की पूरी जानकारी होती है, और सहयोगी शिक्षकों को भी अनुपस्थित शिक्षकों के बारे में पता होता है, इसलिए यह स्पष्ट है कि यह हेरफेर सामूहिक सहयोग से हो रहा है।
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