दिसंबर महीने में रुपया डॉलर के मुकावले अबतक क्या सबसे न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है। अब की स्थिति 1 डॉलर 90.15 रूपये की हो गई है, जिससे मुद्रास्फीति आशंका बढ़ गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कई सकारात्मक बात कही
भारतीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा
विकास दर: दूसरी तिमाही में विकास दर 8.2 प्रतिशत रही, जो अनुमानों से अधिक है।
मुद्रास्फीति (Inflation): पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति दर सबसे कम रही है।
विदेशी मुद्रा भंडार: यह लगातार मजबूत बना हुआ है।
सकारात्मक कारक: पूंजी प्रवाह और बुनियादी ढांचे, उपभोक्ता खर्च और अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं में निवेश में काफी सकारात्मकता दिखी है।
रुपये का मूल्य (₹): रुपये का मूल्य अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.15 के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गया, जिससे मुद्रास्फीति की आशंक बढ़ गई है।
मुक्त व्यापार समझौते (FTAs)
भारत कई देशों और क्षेत्रों के साथ कई मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। इसमें शामिल है अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU), न्यूजीलैंड, ओमान, चिली और पेरू।
व्यापार और निर्यात
अक्टूबर में भारत का निर्यात 11.8 प्रतिशत घटकर 34.38 अरब डॉलर रह गया। इसका एक कारण अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ बताया गया है।
व्यापार घाटा: सोने के आयात में बढ़ोतरी के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 41.68 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
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